Monday, March 24, 2008

श्री विग्नेश्वरा

पाहिमां सततं विग्नेश्वरा
प्रमेश्वरा प्रिय सुकुमारा
पार्वती कुमार मनोहरा
प्र्णमामी अहम् त्वां भवरोगहरा
मूषिका वाहन महासुन्दरा
मदन मात्सर्य मोह सम्हारा
मंदस्मित वदना मनोहरा
मंदिर वास प्रिया पाशांकुशधरा
सकल वेद मंत्र सारा
ओंकार रूपा वरदाभयकर
वित्त ज्ञान मोक्ष प्रदाता
संतान संसार भाग्य प्रदाता
सुलभ रूप आराधनाप्रिया
सुर गण मुनिजन अभिनन्दन प्रिय
सुकृत पुण्य विशेष फल दाता
सुकुमार सोदर स्वामी महोन्नत

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